भारत में होली एक अनोखा उत्सव
जानिए कब है ? होली 2024
वैसे तो भारत दर्शन बहुत सारे पर्व मनाए जाते हैं, लेकिन होली में से एक है ! प्रत्येक वर्ष होली फाल्गुन माह के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। होली के एक दिन पूर्व होलिका दहन किया जाता है।
होलिका दहन क्या है ?
होलिका दहन होली के एक दिन पूर्व मनाया जाने वाला एक त्यौहार है। यह संध्या के समय मनाया जाता है। दरअसल उसके पीछे एक रोचक कथा हिरण्यकशिपु नाम का एक राक्षस था ! जो अपने आप को ईश्वर मानता था। वह ना किसी ईश्वर को मानता और ना किसी को ईश्वर की पूजा करने देता था । यदि उसके राज्य में जो भी ईश्वर पूजा करता उसे वो मरवा देता !
संयोगवस उसे एक पुत्र की प्राप्ति हुई, जिसका नाम प्रहलाद रखा गया। वह भगवान विष्णु का परम भक्त था! हिरण्यकशिपु को अपने घर में विष्णु की भक्ति करना हिरणकश्यप को अखड़ता था। उसने कई प्रकार से प्रहलाद को मरवाने का प्रयास किया किंतु भगवान विष्णु की कृपा के वजह से हर बार प्रह्लाद बच जाता था। अंतत: हिरण्यकशिपु से रहा न गया तो उसने एक अलग योजना बनाई ।
उसकी एक बहन थी जिसका नाम होलिका था! होलिका को ईश्वर से वरदान के रूप में एक चादर प्राप्त था। चादर ओढ़े होने के बाद अग्नि उस व्यक्ति का कुछ नहीं बिगाड़ सकता था। होलिका ने जलती अग्नि में प्रह्लाद को गोद लेकर बैठ गई! जलती अग्नि में चादर उड़कर प्रहलाद के ऊपर आ गई मैं और ईश्वर की कृपा से प्रहलाद इस बार भी बच गया। होलिका के उसी अग्नि में चलकर मृत्यु हो गई। उसी दिन से होलिका दहन किया जाने लगा।वास्तव में होली का दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
भारत में होली किस तरह मनाया जाता है।
Holi Date 2024 :- होली का भारत का एक धार्मिक पारंपरिक और सांस्कृतिक त्योहार है जिसे लोग आनंद उत्साह और प्रेम निष्ठा के साथ मनाते हैं। इस लोग अपने मन के गंदे विचारों को धोकर एक दूसरे से गले मिलते घरों में अच्छे-अच्छे पकवान बनाए जाते हैं। जैसे पुआ , पूरी गुजिया ,खीर ,मिठाई कचोरी ना जाने कितने तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनती है। इस दिन लोग एक दूसरे के खुशी के रंगों में डूबे रहते हैं। गांव में संध्या के समय हुड़दंग भी होता है।
2024 में होली कब है?
फाल्गुन माह के पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन तथा उसके अगले दिन चैत की पहली तिथि को होली मनाई जाती है। इस बार 2024 में होली 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 से शुरू होने वाली है तथा 25 मार्च को।दोपहर 12 बजकर 29 तक शुभ मुहूर्त है। मुख्य रूप से होली 25 मार्च को मनाया जाएगा।
भारत में होली के प्रकार
भारत में होली कई प्रकार से मनाई जाती है।
लठमार होली :- इस प्रकार के होली खासकर देश के मथुरा, वृंदावन और बरसाना जैसे क्षेत्रों में प्रसिद्ध है। लठमार की होली की उत्पत्ति भी इन्हीं जगहों से हुई है। यह दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस प्रकार की होली में से महिलाएं पुरुषों को हल्की लाठी से मारती है। लाठी खासकर हल्की बॉस से बनी होते इस प्रकार की होली का प्रचलन राधा-कृष्ण के समय से चली आ रही है।
घुलनवाला होली:- यह भी एक प्रकार की होली है जिसे गोबर की होली भी कहा जाता है। यह भी उत्तर भारत के अधिकांशतः हिस्सों में प्रसिद्ध इसमें एक दूसरे के ऊपर गोबर मिट्टी के घोल गंदे पानी फेंकते हैं।
गोपी होली:- यह भी एक विशेष प्रकार की होली है जो बरसाना ,वृंदावन , नंद गांव में बेहद प्रसिद्ध में लोग भगवान कृष्ण के याद में नृत्य गान करते तथा गोपियों के भेष बनाकर अपने प्रेम को रंगों को रंगते है ! भारत में जितने भी त्योहार मनाए जाते हैं, हमारे संस्कृति, भावना प्यार और परंपरा से जुड़ा है जो हर वर्ष हमें अपने परिवार के साथ एक सुनहरा अवसर बिताने का समय प्रदान करता है।
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