Mahashivratri 2024: धार्मिक महत्व!शुभ मुहूर्त!शुभ तिथि,:- महाशिववरात्रि,हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहारों में से है जो भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। यह पर्व हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया महाशिवरात्री के रूप में मनया जाता है। शिवरात्रि का मतलब है 'शिव की रात्रि' और यह रात्रि भगवान शिव की विशेष पूजा और अर्चना की जाती है। इस अवसर पर हिन्दू समाज में खास समारोह का आयोजन होता हैं, जैसे की मंदिरों में रात्रि के उपवास, भजन-कीर्तन, और शिवलिंग पर जल अभिषेक।
इस पर्व का इतिहास बहुत पुराना है। पुराणों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया था जब वे समुद्र मंथन के द्वारा एक जहरीला विष निकला जो बेहद ख़तरनाक था ! जिसे पीकर इस विष से लोगों की रक्षा किये थे। इस दिन को सभी भक्त विशेष उपासना करते हैं और भगवान शिव से अच्छे जीवन की कामना करते हैं।
शिवरात्रि के दिन लोग रात्रि जागरण करते हैं। वे सारी रात्रि जागते रहते हैं और भगवान शिव की आराधना में लगे रहते हैं। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और शिवलिंग की पूजा करते हैं। शिव जी के पुराने मंदिरों में भक्त लाखों लोगों के साथ शिवलिंग की दूध, जल से अभिषेक करते हैं।
एकता और भक्ति का प्रतीक
यह पर्व समाज में एकता और भक्ति की भावना को बढ़ावा देता है। लोग इस दिन ध्यान, तप, और साधना में लगे रहते हैं। विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेकर वे अपने मन और आत्मा को पवित्र बनाते हैं।
शिवरात्रि का उत्सव भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। उत्तर भारत में, लोग हिमालय के शिखरों पर पहाड़ों के गुफाओं में अत्याधुनिक रूप से पूजा करते हैं। दक्षिण भारत में, लोग अपने घरों में भगवान शिव की प्रतिमा को सजाकर उनकी आराधना करते हैं।
शिवरात्रि के उत्सव के दौरान, लोग भिन्न-भिन्न प्रकार की प्रसाद बनाते हैं, जैसे कि भोले बाबा की पसंदीदा मिठाई, बादाम का हलवा, और धनिया पानी। यह एक आनंदमय और उत्साही माहौल में विशेष रूप से मनाया जाता है।
शिवरात्रि का महत्व धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से बहुत अधिक है। यह एक संगीतमय, ध्यानमय, और आध्यात्मिक उत्सव है जो मनुष्य को भगवान के साथ अटूट जोड़ता है। इस दिन को मनाकर, लोग अपने आप को ध्यान, शांति, और आनंद में लीन करते हैं, जो उन्हें उच्चतम आनंद और आत्मिक संबल प्रदान करता है।
समाप्ति के रूप में, शिवरात्रि लोगों को शक्ति, समर्पण, और भक्ति की भावना से भर देता है, जो उन्हें अपने जीवन में सफलता और संतोष की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है।
इस पर्व के महत्व को समझने और मनाने से, हम अपने जीवन को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से समृद्ध बना सकते हैं। यह पर्व लोगो की भक्ति और समरसता का प्रतीक है!
2024 में शिवरात्रि कब है?
2024 में महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को 8 मार्च दिन शुक्रवार को संध्याकाल 09 बजकर 57 मिनट पर होगी। जिसका समापन अगले दिन 09 मार्च को संध्याकाल 06 बजकर 17 मिनट पर समपन होगी ।
महाशिवरात्रि हमारे संस्कृति का अहम हिस्सा है। भारत में जितने भी पर्व मनाए जाते हैं वह हमे हमारे संस्कृति की पहचान कराता है ।
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